एक अनोखा रिस्ता। - 1 Lalit Raj द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • द्वारावती - 73

    73नदी के प्रवाह में बहता हुआ उत्सव किसी अज्ञात स्थल पर पहुँच...

  • जंगल - भाग 10

    बात खत्म नहीं हुई थी। कौन कहता है, ज़िन्दगी कितने नुकिले सिरे...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 53

    अब आगे रूही ने रूद्र को शर्ट उतारते हुए देखा उसने अपनी नजर र...

  • बैरी पिया.... - 56

    अब तक : सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भ...

  • साथिया - 127

    नेहा और आनंद के जाने  के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई...

श्रेणी
शेयर करे

एक अनोखा रिस्ता। - 1

"प्यार वो खुशनुमा पल होता है जिसमें हर एक व्यक्ति पूरी जिंदगी जीना चाहता है।"
"कुछ रिस्ते खून के होकर भी दिल के करीब नहीं होते और कुछ रिस्ते खून के न होकर भी दिल से निभाये जाते हैं।"

कॉलेज के सामने एक गार्डन में किसी लम्बी सी बेंच पर एक खूबसूरत लड़की बेठी हुई है।

जो अपने गोरे बदन के साथ साथ उसके लम्बे काले बाल और सुंदर नयन भी हैं।,

उसकी यह खूबसूरती मन मोह लेने वाली जिसकी कल्पना हर एक पुरुष अपने जीवन साथी के रूप में करना चाहेगा।

बस एक बात ये थी उसके ये सुंदर नयन जो झुके हुऐ थे और चेहरे से मायूसी झलक रही थी लेकिन पूरे गार्डन में सभी लोगों की खुशनुमा चहल पहल से एक माहौल में हल्का शोर था।

तभी उस लड़की की एक दोस्त आती है और उसके कंधे को थपथपाते हुऐ बोलती है, रीया..रीया..रीया.

और रीया एक दम से घबराहकर उठती है जैसे कसी सोच में डूबी हुई थी।


रीया उस लड़की से कहती है, मीना तुम...

मीना रिया से कहती है, क्या हुआ तुम्हें कॉलेज मे तुम्हारा नियू ऐडमिशन है और तुम यहां खोऐ हुऐ से हो..

चलो अपनी क्लास में चलते है वहां हमारी थोड़ी ही देर में पहली क्लास शुरू होने वाली है और मै नही चाहती कि हम फस्ट डै ही लैट होजाऐ।

रिया भी मीना से कहते है चलो वैसे तुम्हें भी फस्ट आने की आदत जो है।

मीना रीया की यह बात सुनकर पहले हस जाती है और बोलती है.. बस उड़ा लिया मेरा मजाक...

रीया अपनी हल्की स्माईल से मीना से कहती है (वो दोनो क्लास की और जाते हुऐ बात करते हैं।)...अब क्या हुआ ...


मीना उसके पीछे चल रही थी तैजी से उसके बराबर आकर बोलती है....ठीक है बनो मत तुम्हें पता है मै लाईफ में कभी फस्ट नही आई हमेसा लेकिन इस बार मेरी कोसिस रहेगी के फस्ट आकर दिखाऊंगी समझे...

रीया मीना से कहती है...चलो ठीक गुस्सा छोड़ो अपनी क्लास आगई।

रीया और मीना दोनों क्लास में जाती है तो वहां और भी क्लास में लड़के और लड़कियां बैठे हुऐ होते हैं।

दो लड़के उन दोनों लड़कियों को घूर कर देख रहे होते हैं एक लड़का दुसरे लड़के को इसारा करता है और कहता है राज कौनसी वाली है मेरी भाभी है ताकी दुसरी वाली को मैं पटाऊं...

राज अपने दोस्त से कहता है, माई डीयर फ्रेंड अजय जो लेफ्ट में है ना वो मेरी वाली है..

अजय कहता है राज से..बिल्कुल सही मै वेसे भी राईट वाली को देख रहा था।

राज जिसे देख रहा था वो रिया थी और अजय जिसे देख रहा था वो मीना थी।

राज और अजय दोनों ही जबरदस्त दोस्त है और भाईयों से भड़कर दोनों में प्यार है।

अब रीया और मीना राज और अजय के सामने वाली बेंच पर बैठ जाते हैं।

मीना रिया से बहुत धीमी आवाज में कहती है वो जो हमारे पीछे दो लड़के बैठे हैं वो हम दोनों को घूर रह थे।..

रिया मीना के हल्के से उसके सिर को थपथपाते हुऐ कहती है.. तुम्हें कैसे पता इसका मतलब तुम भी उनको देख रही थी।

मीना शरमाते हुऐ नीचे गरदन करके बैठ जाती है और इतने में क्लास में एक काले रंग की और मोटी मैडम लेक्चर लेने के लिये आती है और सभी स्टूडेंट्स खड़े होजाते है यह कहकर .... गुड मोरनिंग मैडम ...

मैडम... ओके स्टूडेंट्स ऑल ऑफ सिट डाऊन।

मैडम अटेंडेंस लेने शुरू करती है...

तभी राज अजय से कहता है तेरा हमेसा फस्ट डै क्लास का बुरा experience रहा है इसलिए चुप रहना ।

यह सुनकर मीना हस जाती है...

उसकी हसी को देख कर मैडम गुस्से से मीना को खड़े होने के लिए बोल देती है।

और मैडम मीना से कहती है किस बात पर हसी आ यही है।

मीना चुप चाप खड़ी रहती है और यह देख मैडम उसे क्लास से बहार जाने के लिये बोलती है।

मीना जाने वाली होती है उसी वक्त अजय खड़ा हो जाता है।

और मीना से कहता है रुको... यह देख मैडम गुस्से से पागल होकर अजय से कहती हैं।

....क्या साबित करना चाहते हो।

अजय मैडम से कहता है...

मैडम जैसे हम लोगों का फस्ट डै क्लास है वैसे ही आपका हमारे साथ फस्ट डै क्लास है ये अच्छा नही लगता कि आप हमसे गुस्सा करें....

आप जब आये थे तब हमने सोचा कि हम आज मैडम से हम अपने बारे मै कुछ बातें करेंगे और आप से भी आपके बारे में जानना चाहेंगे...

मैडम आज माफ कर दीजिए....

मैडम अजये से कहती है जो तुमने इतना बड़ा लेक्चर दिया है इस लड़की के लिऐ क्या तुम्हारे जानने वाली है।

राज अजय को चुप रहने का इसारा करता है अवे मरवायेगा ।

अजय फिर भी शरमाते हुऐ मैडम को जवाब दिया, जी मैडम अभी तो जानने वाली नही हुई आज तो पहला दिन पहली मुलाकात अभी तो मै इनका नाम भी नहीं जानता लेकिन आज जब इनसे मिला हूं तो मुझे अपने दिल की धडकन सुनाई देने लगी।

अजये ऐसा बोलते हुऐ अपने हाथ फैला लेता है और सभी उसे देख रहे होते हैं।

राज और रिया सर पर हाथ रख लेते हैं और राज कहता है, ये तो गया।

मीना अजय को शरमाते हुऐ देखने लगती है।

मैडम , ओ शारूख ये काजल नहीं हो रही जो यहां पर तुम दिल वाले दुल्हनिया लेजाऐंगे मूवी बना रहे हो।

मैडम मीना से कहती तुम बैठो और अजय का कान पकड़र कहती है और मेरे शारुख तुम चलो प्रिंसिपल सर के पास...



अजय सॉरी मैडम कहते हुऐ पैर पकड़ता है लेकिन जब मैडम उससे कहती है ठीक है माफ किया यह सुनकर वो इतनी खुशी के साथ तैजी से उठता है कि अजय का सर मैडम के जोर से उनके चेहरे पर लगता है।

मैडम चीखते हुऐ कहती हैं...आ....आ.. ऑच ।

अजय राज को देखता और राज कहता है ..क्यों भूल गया तेरा फस्ट डै क्लास में बेड लक रहता है...


लंच टाईम.....

राज प्रिंसिपल रूम में अजय के साथ खड़ा था और प्रिंसिपल सर अजय को डांटने लगे हुऐ होते हैं।

प्रिंसिपल... अजय तुमने जो गलती की है वो माफी लायक नहीं तुमहारे पापा को बुलाया जाऐगा .. यहां पढने आते हो या हिरो बनकर आशिकी करने।

तभी राज प्रिंसिपल से कहता है, सर अजय के पिताजी को बुलाने में कोई फायदा नहीं।

प्रिंसिपल , क्या कहना चाहते हो राज।
राज, सर एक बार मेने अजय को सिगरेट पीते हुऐ देखा(यह सुनकर अजय राज को घूरने लगा"अवे मरवायेगा क्या।")और मै अजय के घर उसके पापा से शिकायत करने लगा की अंकल मैने अजय को आज सिगरेट पीते देखा तो सर पता अजय के पापा ने क्या जवाब दिया।

प्रिंसिपल दोनो हाथ टेबल पर रखते हुऐ और चोंकते हुऐ पूछा।, क्या क्या जवाब दिया अजय के पिताजी ने।

राज प्रिंसिपल के सामने चेयर पर बैठकर बताने लगा, तो सर अजय के पापा ने मुझसे कहा कि पहले तो कभी सिगरेट नहीं पी अब ये तो तुम बता रहे हो मतलब ये हुआ कि जब से तुम इसके दोस्त बने हो ये गलत संगत में पड़ गया इसका मतलब अजय को तुम्हारा साथ छोड़ना होगा और अजय को बुलाते हुऐ कहते हैं...अजय ये लड़का तुम्हारे साद दुवारा दिखना नहीं चाहिए समझे। राज प्रिंसिपल से इतना कहकर चुप हो जाते है।

प्रिंसिपल राज के करीब आकर पूछता है फिर क्या हुआ।

राज होना क्या था सर अजय के पिता बोले अभी तक बैठे हुऐ यह सुनकर तुरंत बहार आगया। अब बताईये हम दोनों सच्चे पक्के दोस्त हैं हम एक दुसरे के बिना नहीं रह सकते लेकिन जब भी इसके पिताजी आते हैं हम दोनों को अलग अलग होना होता है।( अजय राज दोनों इमोशनल होकर गले लग जाते हैं)

प्रिंसिपल , ओह नो ( ये भाई चारा छोड़ो और बताओ इस बात का मेरी शिकायत से कनेक्शन है।)

राज प्रिंसिपल से कहता है कनेक्शन है सर " जब अजय के पापा आऐंगे तब उनसे शिकायत करेंगे तो वह कहेंगे कि मेरा बच्चा और कॉलेज में पढा कभी ऐसे कम्पलेन नहीं सुनी इसका मतलब इस कॉलेज में ही प्रोबलम है मतलब यहां बच्चा आते ही आशिकी और आवारा गिरी शुरू कर देता है मतलब आपके कॉलेज का क्या मैनेजमेंट है यहा तो सारा सिस्टम खराब है ऐसे करो मेरे बच्चे का टीसी दो मै किसी और कॉलेज में ऐडमिशन देखता और आपके कॉलेज की ऊपर तक कंपलेन करता हूँ तुम जानते नहीं हो मै वकील हूँ तुम जैसे प्रिंसिपल और तुम्हारा स्टाफ सबको सीधा न किया तो मेरा भी नाम विक्रम ऐडवोकेट राणा नहीं।

इतना कहकर राज प्रिंसिपल के सामने चुपचाप खड़ा हो जाता है।

प्रिंसिपल रूम में टहल टहल कर ये सोचते हुऐ बोलता है ये झोल है।

प्रिंसिपल अजय से कहता है , अजय तुम्हें तो सजा तो मिलनी है चलो प्लेग्रांउड में पांच चक्कर लगाओ।

अजय क्या सर, प्रिंसिपल हा जो कहा सुना नहीं जल्दी

अजय राऊंड लगा रहा होता है और राज वहीं ग्राऊंड में बेंच पर बैठा होता है तभी वहां रिया और मीना आती हैं।

वो राज के पास बैठ जाती हैं और मीना अजय को देख रही होती है इमोशनली।

रीया राज से कहती है तो अजय को ये सजा मिली है।,

राज रिया कि तरफ प्यार से देखता है और फिर कहता है, जी हा।

रिया कहती अजय के तो पिताजी आने वाले थे न उनको क्यों नहीं बुलाया प्रिंसिपल बोल रहे थे।

इतने में अजय भी हांपता हुआ थक कर उसी बेंच के पास नीचे बैठते हुऐ रिया से कहता है , जी इतनी सजा काफी नहीं।

मीना अजय को प्यार भरी और मायूसी से अजय को अभी देख रही होती है अजय मीना को देखते हुऐ प्यार भरी स्माईल देता है।

रिया, अजय और राज से कहती है मेरा मतलब वो नहीं है चलो ठीक भी है अजय के पिताजी नहीं आये वरना काफी बात बड़ जाती।

राज जी हा रिया जी अजय के पिताजी न आये इसलिए मेने प्रिंसिपल ऑफिस में दिमाग चलाया।

इतने में अजय राज से कहता है , क्या दिमाग चलाया सिगरेट पीने वाली बात भी उन्हें बता दी अगर सच में पापा आये न तो लंका लग जाऐगी।

मीना अजय की ओर गुस्से से देखते हुऐ कहती तुम सिगरेट पीते हो ।

अजय जी हा ( घबराहाते हुऐ कहता हुआ) लेकिन अब मेने छोड़ दी।

राज हसते हुऐ कहता है , अजय हेना आज से जब से मीना को देखा ।

चारो हसने लगते हैं ........

कॉलेज ऑफ होने के बाद सब घर जाते हुऐ तभी कॉलेज के गैट से रीया,मीना और अजय तीनों एक साथ बहार आते हैं।
रिया राज के लिऐ अजय से पूछती है राज कहां है अजय।

तभी राज कार लेकर आजाता है चलो बैठो सभी, तभी अजय और मीना पीछे बैठ जाते हैं और रिया से आगे बैठने के लिऐ बोलते हैं।

रिया आगे बैठ जाती है, राज रिया को वही प्यार भरी निगाहों से स्माईल करते हुऐ देखता है तभी रिया गुस्से से राज की तरफ देखते हुऐ अजीब फेस बनाकर चिढाती है और राज हस जाता है तभी मीना कहती है अगर दोनो ने एक दुसरे को देख लिया हो तो चलें।

राज जी हा चलते हैं जी।


अजय राज से कहता है ओऐ राज घर जाने से पहले कॉफी पीने चलते हैं तभी मीना भी कहती है हा, रिया कहती है नहीं नहीं देर हो जाऐगी।

राज रिया से कहता है कुछ देर नहीं होगी हम तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देंगे और तुम्हारी माँ से भी बोल देंगे डांट नहीं पढने देंगे।

तभी मीना राज के कंधे पर हाथ रखती है और बस और कुछ मत बोलो, राज क्या हुआ तभी मीना राज को रिया कि तरफ देखने क़ बोलती है।

रिया राज की बात सुनकर गुम हो गई और तीनों रिया को देखने लगे।

रिया अपने हाथ से कार की सीट को खरोंच ने लगती है और अपने सिर को हिलाने लगती है यह देख तीनो घबराह जाते हैं राज कार साईड से रोक लेता है।

राज रिया को देख रहा होता है तभी रिया अपने अंदर धीमी धीमी अवाज मे कुछ बोलती है, माँ माँ बचाओ न प्लीज, मुझे आपकी बहुत याद आ रही है माँ ,,, और धीरे धीरे उसकी अवाज चीख में बदल जाती है।..........माँ ,माँ माँ माँ।

राज रिया के हाथ पर हाथ रखता है तब रिया राज की तरफ देखती है और उसे देख कर घबराहकर बोलती है।....

मुझे छोड़दो प्लीज रिया राज के सामने हाथ जोड़ने लगती है और तभी रिया कार का गैट खोल कर भागने लगती है।



मीना , अजय और उसके पीछे पीछे जाते हैं।
रिया थोड़ी देर आगे जाती है सामने की तरफ से कार आ रही होती है और वो रिया को देखकर घबराह कर काफी हद तक कार स्पीड कम कर दी फिर भी रिया से टकरा जाता है और रिया सड़क पर गिर जाती है।

वो कार वाला गाड़ी से बहार निकलता है और राज,अजय और मीना भी वहीं पहोच जाते हैं।

रिया सड़क पर गिरी पड़ी होती है उसके सर से खून बह रहा था।.....

पहला भाग समाप्त.......